Thursday, May 6, 2021

तीनों लोकों में स्थित अकृत्रिम जिन मंदिर चैत्यालय

 *तीनलोक के संपूर्ण अकृत्रिम चैत्यालय*

*१० भवनवासी संबंधी अकृत्रिम चैत्यालय*

👉असुरकुमार~देवों के भवनों में ६४ लाख चैत्यालय हैं।

👉नागकुमार~देवों के भवनों में ८४ लाख चैत्यालय हैं।

👉सुपर्णकुमार~देवों के भवनों में ७२ लाख चैत्यालय हैं।

👉द्वीपकुमार~देवों के भवनों में ७६ लाख चैत्यालय हैं।

👉दिक्कुमार~देवों के भवनों में ‌७६ लाख चैत्यालय हैं।

👉उदधिकुमार~देवों के भवनों में ७६ लाख चैत्यालय हैं।

👉स्तनिकुमार~देवों के भवनों में ७६ लाख चैत्यालय हैं।

👉विद्युतकुमार देवों के भवनोंमें ७६ लाख चैत्यालय हैं।

👉अग्निकुमार~देवों के भवनों में ७६ लाख‌ चैत्यालय हैं।

👉वायुकुमार~देवों के भवनों में ९६ लाख चैत्यालय हैं।

👉भवनवासी देवों संबंधी अकृत्रिम चैत्यालय की सम्पूर्ण संख्या ७ करोड़ ७२ लाख है।

👉व्यंतर देवों संबंधी सम्पूर्ण अकृत्रिम चैत्यालय असंख्यात हैं।

👉इस प्रकार उर्ध्व लोक के अकृत्रिम चैत्यालय‌‌ की संख्या ८४ ९७,०२३(चौरासी लाख सत्तानवें हजार तेईस) है।

👉मध्यलोक संबंधी सम्पूर्ण अकृत्रिम चैत्यालय की संख्या ४५८ है।

👉अधोलोक संबंधी संपूर्ण अकृत्रिम चैत्यालय की संख्या ७ करोड़ ७२ लाख है।

👉इस प्रकार ८४,९७,०२३+४५८+७,७२०००००=८ करोड़ ५६ लाख ९७ हजार ४८१ तीन लोकों के अकृत्रिम चैत्यालय‌‌ हैं।

👉इन तीनों लोकों के अकृत्रिम चैत्यालय‌‌ और उनमें विराजमान समस्त जिन~प्रतिमाओं को मेरा मन वचन काम से त्रिकाल में त्रिबार नमोस्तु 

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