वास्तुशास्त्र घर की नेगेटिव एनर्जी को दूर करने में कारगर है
हर किसी को अपने घर का सपना होता हैं। हर कोई चाहता है कि वह अपने सपने का आशियाना बनाए। महंगाई और प्रतिस्पर्द्धा के दौर में जिसे, जहां जो जगह मिलती है, वह अपना घर बना लेता है। घर बनाने के दौरान यदि घर में वास्तु की कमी रह जाती है तो वे हमें मानसिक तनाव के साथ-साथ कई प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं।
वास्तुशास्त्र बहुत ही गूढ़ विधा है। ऐसे में आज हम केवल घर के मालिक के शयन कक्ष (बैड रूम) की स्थिति पर ही केंद्रित यह आलेख प्रस्तुत कर रहे हैं। घर का मुखिया स्वस्थ और तनाव रहित रहेगा तो घर में भी समृद्धि बरसेगी।
वास्तुशास्त्र का कहना है कि यदि हमारा घर यूनिवर्सल एनर्जी सिस्टम के आधार पर बना हो तो कोई भी बाहरी तत्व वहां रहने वालों को तनावपूर्ण या चिंतित नहीं कर सकता। वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाया गया घर यह सुनिश्चित करता है कि घर में रहने वाले लोग हमेशा शांति महसूस करेंगे।
*गलत दिशा में सोना, यानी सबकुछ खोना*
वास्तुशास्त्र कहता है कि जब किसी घर के लोग गलत दिशा में सोना शुरू कर देते हैं तो उन्हें चिंताएं और विभिन्न प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे लोगों में जरा-जरा सी बात पर गुस्सा आना, आपा खोना, नौकरी छूटने या व्यवसाय डूबने के डर के साथ जीना, हमेशा नुक्सान होने का अंदेशा रहना या किसी बीमारी का भ्रम होना आम हो जाता है। इन सब अनिश्चितताओं की स्थितियों के चलते ऐसे लोगों में मानसिक तनाव, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर, सामाजिक चिंता और पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस जैसी बीमारियों के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ दिशा में नहीं होना चाहिए बैडरूम
वास्तुशास्त्र कहला है कि आदर्श स्थिति में कभी भी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में बैडरूम नहीं होना चाहिए। वास्तुशास्त्र केवल आदर्श दिशा के बारे में ही नहीं बताता बल्कि यह भी बताता है कि यदि आपके घर में वास्तुदोष है तो किस तरह निगेटिव एनर्जी को खत्म किया जा सकता है। यह शास्त्र केवल दोषों का पता नहीं लगाता, यह समस्याओं का समाधान भी बताता है।
*ऐसे पा सकते है वास्तुदोष से मुक्ति*
यदि आपका बेडरूम पहले से पूर्व-दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में है और आप इसे किसी ओर दिशा में नहीं बना सकते है तो घबराएं नहीं, वास्तुशास्त्र में इसका भी समाधान है।
सबसे पहले आपको इस स्थान के नकारात्मक प्रभाव को ठीक करना होगा। इसके लिए आप बैडरूम की दीवारों को लाइट क्रीम या हल्के पीले रंग के शेड या पेस्टल ग्रीन के लाइट टोन में रंगवाएं। ऐसा करने से बैडरूम की नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाएगी। वास्तु के अनुसार बैडरूम की दीवारों पर ये रंग लगाने से काफी हद तक तनाव और चिंता का खात्मा हो जाता है।
वास्तुदोष के कारण होने वाली बीमारियों के मूल कारण को जानने की कोशिश किए बिना आज बहुत से लोग तनाव, चिंता और डिप्रेशन के साथ जी रहे हैं। डॉक्टर्स के पास भी वास्तुदोष के कारण होने वाली बीमारियों का कोई पुख्ता इलाज नहीं है। कई बार आपने डॉक्टर्स के मुंह से यह भी सुना होगा कि जल्दी ठीक होना चाहते हो तो कुछ कहीं अच्छी जगह घूमने जाओ, ताजी हवा और सुरम्य स्थलों की सैर करो। शायद ऐसा करने से वास्तुदोष के कारण पैदा होने वाली नेगेटिव एनर्जी से छुटकारा मिलता हो और व्यक्ति शीघ्रता से स्वस्थ हो जाता है।
*ऐसे काम करता है वास्तुशास्त्र*
वास्तुशास्त्र ने घर में की जाने वाली हर गतिविधि के लिए कुछ दिशाओं का वर्गीकरण किया है। ये वर्गीकरण हर दिशा में मौजूद एनर्जी के स्तर के अनुसार किए गए हैं, जब किसी घर में रहने वाले लोग ‘मन मंथन वाली दिशा’ यानी ‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ में सोना शुरू कर देते हैं तो उन्हें चिंताएं घेर लेती हैं।
चिंता का दूसरा कारण इस क्षेत्र में योग या प्रार्थना करना भी घर में नेगेटिव एनर्जी को बढ़ा देता है। गत 12वर्षों के दौरान वास्तु के क्षेत्र में किए गए शोध एक आश्चर्यजनक तथ्य करते हैं। इस तथ्य के अनुसार डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर से जूझ रहे अधिकतर लोगों के घरों में रसोई ‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ दिशा में बनी होती है।
पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में सोने वाले या इस दिशा में रसोई बनी होने से ऐसे घरों में रहने वाले लोगों में सही निर्णय ले पाने की क्षमता खो देता है और उसे कई मामलों में नुकसान का सामना करना पड़ता है। इससे कई स्तरों पर उसकी चिंता और भी बढ़ जाती है। ‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ दिशा में सोने से व्यक्ति की चिंता का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने के कारण उसे उलझते रिश्ते और खराब स्वास्थ्य का सामना करना पड़ सकता है। उसके दिमाग में विचारों की उधेड़बुन चलती रहती है।
समझदारी से लें काम
आजकल वास्तुशास्त्र या धर्म के नाम पर चारों ओर लूटने वालों की फौज खड़ी है। ऐसे में आप किसी बहकावे में नहीं आएं। पूरी तरह से पड़ताल के बाद वास्तु सलाहकार का चुनाव करें। यदि वास्तव में कोई वास्तुशास्त्र का अच्छा ज्ञाता होगा, तो आपको बिना किसी तोड़फोड़ के कम खर्च में ही वास्तुदोष निवारण के कुछ ऐसे अचूक उपाय सुझाएगा, जो आपके जीवन में पॉजिटिव एनर्जी भर देंगे।
हर किसी को अपने घर का सपना होता हैं। हर कोई चाहता है कि वह अपने सपने का आशियाना बनाए। महंगाई और प्रतिस्पर्द्धा के दौर में जिसे, जहां जो जगह मिलती है, वह अपना घर बना लेता है। घर बनाने के दौरान यदि घर में वास्तु की कमी रह जाती है तो वे हमें मानसिक तनाव के साथ-साथ कई प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं।
वास्तुशास्त्र बहुत ही गूढ़ विधा है। ऐसे में आज हम केवल घर के मालिक के शयन कक्ष (बैड रूम) की स्थिति पर ही केंद्रित यह आलेख प्रस्तुत कर रहे हैं। घर का मुखिया स्वस्थ और तनाव रहित रहेगा तो घर में भी समृद्धि बरसेगी।
वास्तुशास्त्र का कहना है कि यदि हमारा घर यूनिवर्सल एनर्जी सिस्टम के आधार पर बना हो तो कोई भी बाहरी तत्व वहां रहने वालों को तनावपूर्ण या चिंतित नहीं कर सकता। वास्तु शास्त्र के अनुसार बनाया गया घर यह सुनिश्चित करता है कि घर में रहने वाले लोग हमेशा शांति महसूस करेंगे।
*गलत दिशा में सोना, यानी सबकुछ खोना*
वास्तुशास्त्र कहता है कि जब किसी घर के लोग गलत दिशा में सोना शुरू कर देते हैं तो उन्हें चिंताएं और विभिन्न प्रकार की बीमारियां घेर लेती हैं। ऐसे लोगों में जरा-जरा सी बात पर गुस्सा आना, आपा खोना, नौकरी छूटने या व्यवसाय डूबने के डर के साथ जीना, हमेशा नुक्सान होने का अंदेशा रहना या किसी बीमारी का भ्रम होना आम हो जाता है। इन सब अनिश्चितताओं की स्थितियों के चलते ऐसे लोगों में मानसिक तनाव, ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर, सामाजिक चिंता और पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस जैसी बीमारियों के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ दिशा में नहीं होना चाहिए बैडरूम
वास्तुशास्त्र कहला है कि आदर्श स्थिति में कभी भी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में बैडरूम नहीं होना चाहिए। वास्तुशास्त्र केवल आदर्श दिशा के बारे में ही नहीं बताता बल्कि यह भी बताता है कि यदि आपके घर में वास्तुदोष है तो किस तरह निगेटिव एनर्जी को खत्म किया जा सकता है। यह शास्त्र केवल दोषों का पता नहीं लगाता, यह समस्याओं का समाधान भी बताता है।
*ऐसे पा सकते है वास्तुदोष से मुक्ति*
यदि आपका बेडरूम पहले से पूर्व-दक्षिण-पूर्व क्षेत्र में है और आप इसे किसी ओर दिशा में नहीं बना सकते है तो घबराएं नहीं, वास्तुशास्त्र में इसका भी समाधान है।
सबसे पहले आपको इस स्थान के नकारात्मक प्रभाव को ठीक करना होगा। इसके लिए आप बैडरूम की दीवारों को लाइट क्रीम या हल्के पीले रंग के शेड या पेस्टल ग्रीन के लाइट टोन में रंगवाएं। ऐसा करने से बैडरूम की नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाएगी। वास्तु के अनुसार बैडरूम की दीवारों पर ये रंग लगाने से काफी हद तक तनाव और चिंता का खात्मा हो जाता है।
वास्तुदोष के कारण होने वाली बीमारियों के मूल कारण को जानने की कोशिश किए बिना आज बहुत से लोग तनाव, चिंता और डिप्रेशन के साथ जी रहे हैं। डॉक्टर्स के पास भी वास्तुदोष के कारण होने वाली बीमारियों का कोई पुख्ता इलाज नहीं है। कई बार आपने डॉक्टर्स के मुंह से यह भी सुना होगा कि जल्दी ठीक होना चाहते हो तो कुछ कहीं अच्छी जगह घूमने जाओ, ताजी हवा और सुरम्य स्थलों की सैर करो। शायद ऐसा करने से वास्तुदोष के कारण पैदा होने वाली नेगेटिव एनर्जी से छुटकारा मिलता हो और व्यक्ति शीघ्रता से स्वस्थ हो जाता है।
*ऐसे काम करता है वास्तुशास्त्र*
वास्तुशास्त्र ने घर में की जाने वाली हर गतिविधि के लिए कुछ दिशाओं का वर्गीकरण किया है। ये वर्गीकरण हर दिशा में मौजूद एनर्जी के स्तर के अनुसार किए गए हैं, जब किसी घर में रहने वाले लोग ‘मन मंथन वाली दिशा’ यानी ‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ में सोना शुरू कर देते हैं तो उन्हें चिंताएं घेर लेती हैं।
चिंता का दूसरा कारण इस क्षेत्र में योग या प्रार्थना करना भी घर में नेगेटिव एनर्जी को बढ़ा देता है। गत 12वर्षों के दौरान वास्तु के क्षेत्र में किए गए शोध एक आश्चर्यजनक तथ्य करते हैं। इस तथ्य के अनुसार डायबिटीज और हाई ब्लडप्रेशर से जूझ रहे अधिकतर लोगों के घरों में रसोई ‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ दिशा में बनी होती है।
पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा में सोने वाले या इस दिशा में रसोई बनी होने से ऐसे घरों में रहने वाले लोगों में सही निर्णय ले पाने की क्षमता खो देता है और उसे कई मामलों में नुकसान का सामना करना पड़ता है। इससे कई स्तरों पर उसकी चिंता और भी बढ़ जाती है। ‘पूर्व-दक्षिण-पूर्व’ दिशा में सोने से व्यक्ति की चिंता का स्तर धीरे-धीरे बढ़ने के कारण उसे उलझते रिश्ते और खराब स्वास्थ्य का सामना करना पड़ सकता है। उसके दिमाग में विचारों की उधेड़बुन चलती रहती है।
समझदारी से लें काम
आजकल वास्तुशास्त्र या धर्म के नाम पर चारों ओर लूटने वालों की फौज खड़ी है। ऐसे में आप किसी बहकावे में नहीं आएं। पूरी तरह से पड़ताल के बाद वास्तु सलाहकार का चुनाव करें। यदि वास्तव में कोई वास्तुशास्त्र का अच्छा ज्ञाता होगा, तो आपको बिना किसी तोड़फोड़ के कम खर्च में ही वास्तुदोष निवारण के कुछ ऐसे अचूक उपाय सुझाएगा, जो आपके जीवन में पॉजिटिव एनर्जी भर देंगे।
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