Tuesday, August 11, 2020

मूल नक्षत्रों का जन्म कितना शुभ कितना अशुभ

 *मूल नक्षत्रों कस जन्म कितना शुभ कितना अशुभ होता*



✍️©डॉ आशीष जैन शिक्षाचार्य


मूल नक्षत्र कौन कौन से हैं ।


ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों की संख्या 27 है । उनमें से अश्विनी, मघा, आश्लेषा, ज्येष्ठा, मूल एवं रेवती नक्षत्र ये 6 नक्षत्र मूल संज्ञक नक्षत्र हैं ।


मूल नक्षत्रों में जन्मी संतान  की शुभता-अशुभता का ज्ञान नक्षत्रों के चरणों के क्रम से होता है । उससे ही फल का ज्ञान होता है ।


*मूल कितने दिन के लगते हैं*


अश्विनी नक्षत्र के मूल 12 दिन, 

  मघा नक्षत्र के मूल - 14 दिन

रेवती नक्षत्र के मूल-   8 दिन

आश्लेषा नक्षत्र के मूल -28 दिन, 

  ज्येष्ठा नक्षत्र के मूल - 28 दिन

  मूल  नक्षत्र के मूल-   28 दिन


मूल का नक्षत्र  एवं चरण  फल


 अश्विनी नक्षत्र का फल

प्रथम चरण -   पिता को कष्ट

द्वितीय चरण-  सुख ऐश्वर्य

तृतीय चरण - श्रेष्ठ पद

चतुर्थ चरण- राज सम्मान


मघा नक्षत्र का फल

प्रथम चरण -   पिता को कष्ट

द्वितीय चरण-  माता को कष्ट

तृतीय चरण -  धन का नाश

चतुर्थ चरण-  शुभ(शान्ति उपरांत)


आश्लेषा नक्षत्र का फल

प्रथम चरण -   शुभ (शान्ति के उपरांत)

द्वितीय चरण-  धन नाश

तृतीय चरण - माता की हानि

चतुर्थ चरण- पिता की हानि


ज्येष्ठा नक्षत्र का फल

प्रथम चरण -   अग्रज को कष्ट

द्वितीय चरण-  अनुज को कष्ट

तृतीय चरण - माता की हानि

चतुर्थ चरण-  स्वयं की हानि


मूल नक्षत्र का फल

प्रथम चरण -   पिता नाशक

द्वितीय चरण-  माता नाशक

तृतीय चरण - धन हानि

चतुर्थ चरण- शांति उपरांत शुभ


रेवती  नक्षत्र का फल

प्रथम चरण -   राज्य सम्मान

द्वितीय चरण-  भाग्य पर

तृतीय चरण - धन सुख की प्राप्ति

चतुर्थ चरण- अनेक कष्ट

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