*मूल नक्षत्रों कस जन्म कितना शुभ कितना अशुभ होता*
✍️©डॉ आशीष जैन शिक्षाचार्य
मूल नक्षत्र कौन कौन से हैं ।
ज्योतिष शास्त्र में नक्षत्रों की संख्या 27 है । उनमें से अश्विनी, मघा, आश्लेषा, ज्येष्ठा, मूल एवं रेवती नक्षत्र ये 6 नक्षत्र मूल संज्ञक नक्षत्र हैं ।
मूल नक्षत्रों में जन्मी संतान की शुभता-अशुभता का ज्ञान नक्षत्रों के चरणों के क्रम से होता है । उससे ही फल का ज्ञान होता है ।
*मूल कितने दिन के लगते हैं*
अश्विनी नक्षत्र के मूल 12 दिन,
मघा नक्षत्र के मूल - 14 दिन
रेवती नक्षत्र के मूल- 8 दिन
आश्लेषा नक्षत्र के मूल -28 दिन,
ज्येष्ठा नक्षत्र के मूल - 28 दिन
मूल नक्षत्र के मूल- 28 दिन
मूल का नक्षत्र एवं चरण फल
अश्विनी नक्षत्र का फल
प्रथम चरण - पिता को कष्ट
द्वितीय चरण- सुख ऐश्वर्य
तृतीय चरण - श्रेष्ठ पद
चतुर्थ चरण- राज सम्मान
मघा नक्षत्र का फल
प्रथम चरण - पिता को कष्ट
द्वितीय चरण- माता को कष्ट
तृतीय चरण - धन का नाश
चतुर्थ चरण- शुभ(शान्ति उपरांत)
आश्लेषा नक्षत्र का फल
प्रथम चरण - शुभ (शान्ति के उपरांत)
द्वितीय चरण- धन नाश
तृतीय चरण - माता की हानि
चतुर्थ चरण- पिता की हानि
ज्येष्ठा नक्षत्र का फल
प्रथम चरण - अग्रज को कष्ट
द्वितीय चरण- अनुज को कष्ट
तृतीय चरण - माता की हानि
चतुर्थ चरण- स्वयं की हानि
मूल नक्षत्र का फल
प्रथम चरण - पिता नाशक
द्वितीय चरण- माता नाशक
तृतीय चरण - धन हानि
चतुर्थ चरण- शांति उपरांत शुभ
रेवती नक्षत्र का फल
प्रथम चरण - राज्य सम्मान
द्वितीय चरण- भाग्य पर
तृतीय चरण - धन सुख की प्राप्ति
चतुर्थ चरण- अनेक कष्ट
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