Friday, April 23, 2021

णमो उवज्झायाणं के जप से शक्ति का सृजन करिए

 *णमो उवज्झायाणं की जाप का अनुष्ठान का प्रभाव*


मंत्र शास्त्रों के अनुसार  बीजाक्षरों का प्रभाव 


 ✍️ ©डॉ आशीष जैन शिक्षाचार्य

संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष ,संस्कृत विभाग एकलव्य विश्वविद्यालय दमोह मध्य प्रदेश 


मैं केवल अभी णमो उवज्झायाणं मंत्र का बीजाक्षरी प्रभाव को लिख रहा हूँ । जो कि अभी बहुत कार गार है । 

कोरोना काल में इसका आराधन सकारात्मकता भर देगा । जो हमारी धमनियों मांशपेशियों एवं मस्तिष्क को एकाग्र कर चित्त में स्थिरता प्रदान करेगा । हर बीमारी का उपचार भगवान महावीर स्वामी ने वचनं ओषधि बताया है। अतः सभी को धैर्य के वचनों से ,सकारात्मक ऊर्जा रूप वचनों से,सम्बल के वचनों से अभिसिंचित करें ।किसी का मनोबल ना गिरने दें यही उपचार जीवनरक्षक ,जीवन दायक है । साथ ही इस मंत्र का जाप करें । चाहे तो आप सम्पूर्ण णमोकार मंत्र की जाप करें । मैंने तो केवल णमोकार के एक अंश का बीजाक्षर सहित प्रभाव एवं फल को बताया है ।

इसको पूर्ण स्वासोच्छवास के साथ अभ्यास में लाएं

नमो शब्द पर स्वांस ऊपर को लें थोड़ा रुकें एवं उवज्झायाणं पर छोड़ें।

पुनः ऐसा करें ।जितनी बार कर सकें उतनी बार करें ।



ण= शांति सूचक, शक्ति का केंद्र

म= लौकिक अलौकिक सिद्धि दायक

ओ=कार्य साधक , निर्जरा कारक

उ =विशेष शक्ति प्रदायक ,

व= विपत्ति रोधक, रोग शामक एवं रोग हर्ता

ज=आधि व्याधि 

 झा= सर्व व्याधि नाशक ,शक्ति संचयक 

य=  शांति प्रदायक

अ =शक्ति द्योतक 

ण= शांति सूचक, शक्ति स्फोटक 

म =सिद्धिदायक


सभी लोग आराधना अवश्य करें ।

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