Sunday, April 26, 2020

भगवान आदिनाथ जी का संक्षिप्त जीवन परिचय

आदिनाथ भगवान का परिचय

आदिनाथ भगवान के‌ प्रथम आहार के निमित्त दान तीर्थ का प्रवर्तन अक्षय तृतीया महापर्व महोत्सव दिनांक 26-4-2020 दिन ‌रविवार
 श्री आदिनाथ भगवान का संक्षिप्त जीवन परिचय


*प्रथम तीर्थंकर* 

नाम - *आदिनाथ जी*

चिन्ह - *वृषभ*

द्वीप का नाम - *जम्बूदीप*

क्षैत्र - *पूर्व विदेह*

देश प्रांत - *पुष्कलावती*

नगर - *पुंडरीकिनी*

वहाँ का नाम - *वज्रनाभि* *(ऋषभदेव का जीव तो चक्रवर्ती 11 अंग 14 पूर्व का वेत्ता था।)*

वहाँ के गुरु - *वज्रसेन*

कहां से आये - *सर्वार्थ सिद्धि विमान*

जन्म भूमि - *अयोध्या (साकेत पुरृ)*

वंश - *इक्ष्वाकु वंश*

पिता -  *नाभिराज जी*

माता - *मरुदेवी* 

गर्भ तिथि - *आषाढ़ कृष्णा   दूज*

गर्भ नक्षत्र - *उत्तराषाढ़ा*

जन्म तिथि - *चैत्र कृष्णा नवमी*

जन्म नक्षत्र - *अभिजित*

जन्म राशि - *धनु*

शरीर वर्ण - *तपा हुआ स्वर्ण*

शरीर की ऊंचाई - *500 धनुष*

कुमार काल - *20 लाख पूर्व वर्ष*

राजभोग काल - *63 लाख पूर्व*

केवली काल  - *एक हजार वर्ष कम एक लाख पूर्व वर्ष*

पूर्ण आयु - *84 लाख पूर्व वर्ष*

दीक्षा तिथि - *चैत्र कृष्णा 9*

दीक्षा समय , नक्षत्र - *अपरान्ह , उत्तराषाढ़ा*

दीक्षा पालकी - *सुदर्शन*

दीक्षा नगर ,वन - *प्रयाग , सिद्धार्थ वन* 

दीक्षा वृक्ष ,वृक्ष ऊंचाई - *वट वृक्ष , 6000 धनुष*

वैराग्य निमित्त - *नीलांजना की मृत्यु*

दीक्षा उपवास नियम - *6 माह का उपवास*

कितने दिनों के बाद आहार -   *13 माह 9 दिन बाद*

प्रथम आहार - *इक्षुरस*


आहार दाता - *श्रेयांस राजा*

पारणा नगर - *हस्तिनापुर*

दीक्षित राजा - *चार हजार*

केवलज्ञान तिथि - *फाल्गुन कृष्ण 11*

केवलज्ञान समय ,नक्षत्र - *पूर्वान्ह उत्तराषाढ़ा*

केवलज्ञान वन ,वृक्ष - *शकटावन , वटवृक्ष*

समोशरण विस्तार - *12 योजन*

कुल गणधर - *84*

मुख्य गणधर - *वृषभसेन*

समवशरण में सामान्य केवली- *20000 हजार*

पूर्वधारी - *4750*

शिक्षक - *4150*

विपुलमति मन: पर्यय ज्ञानी - *12705*

विक्रिया ऋद्धिधारी - *20600*

अवधिज्ञानी - *9000*

वादियों की संख्या - *12750*

मुख्य गणिनी - *ब्राम्ही*

मुख्य श्रोता - *भरत*

श्रावक - *तीन लाख*

श्राविका - *5 लाख*

यक्ष - *गोमुख (वृषभ)*

यक्षिणी - *चक्रश्वरी*

योग निरोध - *14 दिन पहले*

मोक्ष तिथि - *माघ कृष्ण चौदस*

मोक्ष समय , नक्षत्र - *पूर्वान्ह उत्तराषाढ़ा*

मोक्षस्थली - *कैलाश पर्वत*

मोक्ष आसन - *पद्मासन*

ऋषभनाथ तीर्थ प्रवर्तन काल-  *50 लाख करोड़ सागरोपम + 1 पूर्वांग*
 🙏🏻अक्षय तृतीया पर्व  की  हार्दिक शुभकामनाएं 🙏
🙏🏻दान दिवस जयवंत हो🙏🏻

No comments:

Post a Comment

गाय के गोबर का महत्व

 आयुर्वेद ग्रंथों  में हमारे ऋषि मुनियों ने पहले ही बता दिया गया  था कि   *धोवन पानी पीने का वैज्ञानिक तथ्य और आज की आवश्यकता* वायुमण्डल में...