बुंदेली नामों को स्मरण लाती ग़ज़ल
मउआ,डुबरी,लटा भूल गए
दूद,महेरी,मठाभूल गए
कच्चौ आंगन ,पौर उसारौ
ठाट ,बडैरौ ,अटा भूल गए
कोयल पदी डार की अमियाँ
बरिया वारे जटा भूल गए
बारी लटकत भैंस तुरैया
बथुआ,भाजी ,भटा भूल गए
बसकारे के बड़े मेंदरे
काढे फिरत्ते गटा भूल गए
चटनी रोज पिसत्ति जीसें
अब तौ वे सिलबटा भूल गए
जोंन लगात हते द्वारे पै
कांटन वारे टटा भूल गए
🙂🙂
मउआ,डुबरी,लटा भूल गए
दूद,महेरी,मठाभूल गए
कच्चौ आंगन ,पौर उसारौ
ठाट ,बडैरौ ,अटा भूल गए
कोयल पदी डार की अमियाँ
बरिया वारे जटा भूल गए
बारी लटकत भैंस तुरैया
बथुआ,भाजी ,भटा भूल गए
बसकारे के बड़े मेंदरे
काढे फिरत्ते गटा भूल गए
चटनी रोज पिसत्ति जीसें
अब तौ वे सिलबटा भूल गए
जोंन लगात हते द्वारे पै
कांटन वारे टटा भूल गए
🙂🙂
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